गर्मियों में तिल की खेती: किसानों के लिए क्यों फायदेमंद?

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तिल की खेती भारतीय किसानों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण और लाभकारी खेती पद्धति है, खासकर गर्मिय

उन्नत जलवायु संचारण (Improved Water Circulation): तिल की खेती स्थलीय जलवायु संचारण को बढ़ाती है, जिससे मिट्टी की फलतीलता बढ़ती है और उत्तम जल आपूर्ति होती है। इसके परिणामस्वरूप, कृषि उत्पादकता में वृद्धि होती है।

समृद्ध मिट्टी की गुणवत्ता (Enhanced Soil Quality): को स्थिर और पोषक तत्वों से भर देती है, जिससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।

कम जल संचयन (Reduced Water Logging): तिल की खेती मिट्टी में पानी का संचयन कम करती है, जिससे जल भराव या जल संचयन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

आर्थिक लाभ (Economic Benefits): तिल की खेती किसानों को आर्थिक लाभ प्रदान करती है। तिल का तेल उत्पादन करने में लागत कम होती है और इससे प्राप्त उत्पाद का अच्छा भाव मिलता है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।

पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation): तिल की खेती पर्यावरण को भी संरक्षित रखती है। यह स्थलीय जलवायु के साथ संगत है और जल, जलवायु और मिट्टी को संतुलित रखती है।

अन्य साथी फसलों के लिए लाभ (Benefit for Companion Crops): तिल की खेती अन्य फसलों के साथ भी संगत होती है, जैसे की मक्का, सोयाबीन, चावल, और मसूर। इससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है और किसानों की आय बढ़ती है।

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